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किसान आंदोलन पर United Nations मानवाधिकार का बड़ा बयान, मोदी सरकार को दी ये खास नसीहत

नई दिल्ली। भारत में चल रहे तीन नए कृषि कानूनों ( Farm Law ) के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन की आंच विदेशों में तो पहुंच ही चुकी है, लेकिन पहली इस आंदोलन में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार की एंट्री हुई है। यूएन मानवाधिकार ने भारत में चल रहे किसान आंदोलन पर पहली बार अपना बयान दिया है।

संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार संस्था ने किसान आंदोलन को लेकर प्रशासन और प्रदर्शनकारियों दोनों से एक खास अपील की है। यही नहीं यूएन ह्यूमन राइड्स ने सरकार को नसीहत भी दी है। आपको बता दें कि हाल में किसान आंदोलन को लेकर कई विदेशी हस्तियों ने प्रतिक्रिया दी थी, जिसको लेकर भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति भी जताई थी।

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ये यूएन ह्यूमन राइट्स का बयान
भारत में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार ने प्रदर्शनकारियों और प्रशासन से अत्यधिक संयम बरतने की अपील की है। इसके साथ ही यूएन ह्यूमन राइट्स ने सरकार को नसीहत भी दे डाली है।

उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से एकत्र होने और अभिव्यक्ति के अधिकारों की ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों जगह सुरक्षा होनी चाहिए।

न्यायसंगत समाधन की जरूरत
यही नहीं संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार की ओर से इस बात पर भी जोर दिया गया है कि सभी के मानवाधिकारों का सम्मान करते हुए न्यायसंगत समाधान निकाले जाने का आवश्यकता है।

आपको बता दें कि ये पहली बार है जब संयुक्त राष्ट्र ने भारत में बीते दो महीने से ज्यादा वक्त से दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान प्रदर्शन को लेकर कुछ कहा है।

ये विदेशी हस्तियां दे चुकीं प्रतिक्रिया
किसान आंदोलन को लेकर हाल में कुछ विदेशी हस्तियों ने प्रतिक्रिया दे चुकी हैं। हालांकि इस पर भारत सरकार ने आपत्ति जताई थी।

सबसे पहले दो फरवरी को मशहूर अंतरराष्ट्रीय गायिका रिहाना ने इस मुद्दे पर ट्वीट किया और लिखा कि- 'इस बारे में कोई बात क्यों नहीं कर रहा है?

इसके बाद अमरीकी उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस की भांजी मीना हैरिस, पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और पूर्व पॉर्न स्टार मिया खलीफा ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट के जरिए प्रतिक्रिया दी।

भारत सरकार ने जताई आपत्ति
रिहाना के ट्वीट के बाद भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर एक बयान जारी किया और कहा कि सोशल मीडिया पर बड़ी हस्तियों को जिम्मेदारीपूर्वक व्यवहार करना चाहिए।

विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि कुछ वेस्टेड इंटरेस्ट ग्रुप्स की ओर से इन आंदोलनों को पटरी से उतारने की कोशिश की जा रही है और इन निहित स्वार्थ समूहों में से कुछ ने भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की भी कोशिश की है।

इसके बाद भारत सरकार के मंत्रियों समेत कई खिलाड़ियों, फिल्मी हस्तियों जैसे सचिन तेंदुलकर, लता मंगेशकर ने भी सरकार के समर्थन में ट्वीट किए।

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हालांकि सरकार की प्रतिक्रिया को लेकर विपक्ष ने निशाना भी साधा। लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए सवाल किया है, जब अमरीका में लोग अबकी बार ट्रंप सरकार कहते हैं तो कोई सवाल नहीं होता, लेकिन रिहाना और ग्रेटा की प्रतिक्रिया पर बवाल क्यों मचा है।

अधीर ने ये भी कहा कि सरकार को आलोचना से डरना नहीं चाहिए बल्कि अपने फैसले पर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए।



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