कश्मीर पर पाक विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र को भेजा छठा पत्र, राज्य के पुनर्गठन को खारिज करने की उठाई मांग

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में इस वक्त आर्थिक बदहाली छाई हुई है, प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्तीफे को लेकर आधा देश सड़क पर आ चुका है। लेकिन इन सब के बीच भी पाकिस्तान अपने देश की स्थिति को भुलाकर कश्मीर के मामले पर झूठा प्रोपेगेंडा फैलाने में जुटा हुआ है। इसी क्रम में एक बार फिर पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष को एक और पत्र लिखकर 'कश्मीर की स्थिति' की तरफ उनका ध्यान खींचा है।

पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र को छठा पत्र लिखा

संयुक्त राष्ट्र अधिकारियों को कश्मीर मुद्दे पर कुरैशी का यह छठवां पत्र है। पाकिस्तान के विदेश विभाग ने सोमवार को एक आधिकारिक बयान में इस बारे में जानकारी दी। इसमें पत्र में कुरैशी ने भारत और पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह (UNMOGIP) को मजबूत बनाने का आग्रह किया है।

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उन्होंने लिखा है कि पाकिस्तान, भारत द्वारा जम्मू एवं कश्मीर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेश में विभाजित करने के निर्णय को अस्वीकार करता है। कुरैशी ने कहा है कि 'यह विभाजन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के खिलाफ है, इसलिए अंतरराष्ट्रीय कानून की दृष्टि से यह अवैध है।'

UN में आधिकारिक दस्तावेज के रूप में बांटा गया पत्र

पत्र में कुरैशी ने कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन के अपने पुराने आरोपों को दोहराया है। बताया जा रहा है कि पत्र बीते 31 अक्टूबर को भेजा गया और पाकिस्तान के अनुरोध पर इसे संयुक्त राष्ट्र सदस्यों के बीच सुरक्षा परिषद के आधिकारिक दस्तावेज के रूप में वितरित किया गया। विदेश विभाग द्वारा जारी कुरैशी के पत्र के पढ़ने से साफ हो जाता है कि यह उनके द्वारा संयुक्त राष्ट्र अधिकारियों को भेजा गया छठा पत्र है।

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'कश्मीर के हालात' का जल्द से जल्द संज्ञान लेने का आग्रह

कुरैशी ने UNMOGIP को मजबूत बनाए जाने का आग्रह करते हुए पत्र में लिखा है कि ऐसा किया जाना विश्वास बहाली का एक अच्छा कदम होगा, इससे सुरक्षा परिषद को समय पर (कश्मीर की स्थिति की) सटीक जानकारी मिल सकेगी जो तनाव को और बढ़ने से रोकने में सहायक होगी। उन्होंने सुरक्षा परिषद से 'कश्मीर के हालात' का जल्द से जल्द संज्ञान लेने का आग्रह किया।

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